Publish Date:Fri, 14 Feb 2020 11:32 PM (IST)
विकास पांडे, ग्वालियर। सीएए-एनआरसी के लेकर लोगों में फैला भ्रम अब आर्थिक गणना के काम में भी रुकावट बन गया है। ग्वालियर-चंबल संभाग के जिलों में मुस्लिम बस्तियों में सर्वेयरों को जानकारी नहीं देने या भगाने के मामले सामने आ रहे हैं। हाल ये है कि ग्वालियर में ही बीते एक माह में तीन इलाकों में आर्थिक गणना के लिए गए कर्मचारी पिटते-पिटते बचे। पुलिस ने सर्वेयरों को बचाया है। श्योपुर, शिवपुरी में भी गणना करने पहुंचे कर्मचारियों को भगाने की घटनाएं सामने आई हैं।
मुस्लिम बस्तियों में सबसे ज्यादा दिक्कतें
हाल ये है कि डरे सहमे कर्मचारी अब आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं या क्षेत्रीय पार्षदों के सहयोग से घरों में पहुंचकर जानकारी जुटा रहे हैं, क्योंकि इनको लोग पहचानते हैं और जानकारी देने में घबराते नहीं है। आर्थिक सर्वे इसी माह पूरा होना है, लेकिन ऐसी घटनाओं से देरी हो रही है। हालात को देखते हुए श्योपुर में कलेक्टर ने जागरूकता कार्यक्रम चलाने की बात कही है। सर्वे करने वाली कंपनी के अधिकारियों के मुताबिक मुस्लिम बस्तियों में सबसे ज्यादा दिक्कतें आ रही हैं।
ये मामले आए सामने
1. ग्वालियर के मुरार इलाके में टीम ने जैसे ही जानकारी लेना शुरू किया तो लोगों ने यह कहते हुए घेर लिया कि तुम जानकारी ले जाओगे फिर हमें देश से निकाल दोगे। मारपीट की स्थिति बन गई। पुलिस ने सभी को बचाया।
2. ग्वालियर के ही गेंडेवाली सड़क इलाके में टीम को लोगों ने घेर लिया था। अधिकारियों को फोन तक नहीं लगाने दे रहे थे। स्थानीय पार्षद ने कर्मचारियों को बचाया।
3. ग्वालियर के ही हजीरा क्षेत्र स्थित मुस्लिम बस्ती में कर्मचारियों को ऐसे ही विरोध का सामना करना पड़ा था। यहां पर तो टीम को लोगों ने भगा दिया था।
श्योपुर में लोगों ने शहर काजी से की शिकायत
श्योपुर में मेवाती मोहल्ला में गए सर्वेयरों को लोगों ने भगा दिया और कहा कि आप हमसे सीएए-एनआरसी के सपोर्ट में सहमति ले रहे हो। शहर काजी अतीक उल्लाह कुरैशी का कहना है कि उनके पास भी लोगों के फोन आ रहे हैं। इस संबंध में कलेक्टर से मिलकर चर्चा की जाएगी। अगर जरूरी लगा तो लोगों को समझाएंगे और सीएए-एनआरसी से जुड़ी जानकारी है तो इसका विरोध किया जाएगा।
ग्वालियर के सीएससी कंपनी के जिला प्रबंधक अभिनंदन त्यागी ने बताया कि मुस्लिम बस्तियों में जानकारी जुटाने में काफी दिक्कतें आ रही है। तीन बार तो टीम को घेर लिया था, बड़ी मुश्किल से पुलिस की मदद से बाहर निकाला गया। हमने सांख्यिकी विभाग एवं प्रशासन को अवगत करा दिया है।
श्योपुर की कलेक्टर प्रतिभा पाल ने कहा कि यह सर्वे लोगों की आर्थिक स्थिति व अन्य जानकारियों जुटाने के लिए है। इसे लेकर किसी भी तरह की भ्रांति नहीं पालना चाहिए। लोगों को जागरूक करने के लिए कार्यक्रम चलाएंगे।
Posted By: Arun Kumar Singh
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Source: Jagran.com