पुलवामा हमले में शहीदों को भुला PMO कार्यालय, नहीं किया एक भी ट्वीट

नई दिल्ली : आज पुलवामा हमले को एक साल बीत गए है, पिछले साल आज के ही दिन पुलवामा जिले में हुए आत्मघाती आतंकी हमले में CRPF के 40 जवान शहीद हो गए थे, आज देश उनकी शहादत को याद कर रहा है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर शहीदों को नमन किया है.
पीएम मोदी ने शहीदों को याद करते हुए लिखा कि “पिछले साल पुलवामा हमले में शहीद हुए बहादुर जवानों को मेरी श्रद्धांजलि. वे असाधारण व्यक्ति थे, जिन्होंने हमारे राष्ट्र की सेवा और रक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। भारत उनकी कुर्बानी को कभी नहीं भूलेगा।” नरेंद्र मोदी ने भले ही ट्वीट कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी हो, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कार्यालय पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों के बलिदान को लगता है भूल गई है,
खबर लिखे जाने तक PMO की और से कोई भी ट्वीट पुलवामा हमले की बरसी को लेकर नहीं किया गया है, PMO ने आखिरी ट्वीट 13 तारीख को किया है। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी TV चैनल के इवेंट को लेकर कई सारे ट्वीट किए गए, लेकिन पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों की याद में एक भी ट्वीट नहीं किया गया है।
राहुल गांधी ने पुलवामा हमले की जांच पर उठाया सवाल
राहुल गांधी ने शुक्रवार को ट्वीट कर पुलवामा हमले पर तीन सवाल पूछे. कांग्रेस नेता ने लिखा, ‘आज जब हम पुलवामा के चालीस शहीदों को याद कर रहे हैं, तब हमें पूछना चाहिए.

Today as we remember our 40 CRPF martyrs in the #PulwamaAttack , let us ask:
1. Who benefitted the most from the attack?
2. What is the outcome of the inquiry into the attack?
3. Who in the BJP Govt has yet been held accountable for the security lapses that allowed the attack? pic.twitter.com/KZLbdOkLK5
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 14, 2020

पुलवामा हमले से किसे ज्यादा फायदा हुआ ?
हमले को लेकर हुई जांच से क्या निकला है ?
सुरक्षा में चूक के लिए मोदी सरकार में किसकी जवाबदेही तय हुई? 
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी 2019 को हुए आतंकी हमले के बाद कई तरह के सवाल खड़े हुए थे. क्योंकि जम्मू-कश्मीर में जब इतना बड़ा सेना का काफिला जा रहा था, तब वहां पर एक सामान्य गाड़ी कैसे रास्ते में आ गई. उसमें इतना RDX भरा हुआ था कि सीआरपीएफ की पूरी गाड़ी ही उड़ गई. इस आतंकी हमले में सीआरपीएफ के चालीस जवान शहीद हो गए थे.
[embedded content]

Source: HW News

Related posts