एयरटेल, वोडा-idea को फरमान- रात 11.59 बजे तक बकाये का करो भुगतान

आज आधी रात से पहले बकाये का भुगतान करें कंपनियां

एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) के बकाये भुगतान को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की फटकार के बाद टेलिकॉम विभाग (Department of Telecom) ने कहा कि कंपनियां आज आधी रात से पहले बकाये का भुगतान करें.

News18Hindi
Last Updated:
February 14, 2020, 7:14 PM IST

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नई दिल्ली. टेलिकॉम विभाग (Department of Telecom) ने सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea Ltd.) जैसी कंपनियों को शुक्रवार की आधी रात से पहले एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) बकाये का भुगतान करने का आदेश दिया. टेलिकॉम विभाग के एक आदेश के अनुसार कंपनियों को शुक्रवार को रात 11.59 तक बकाये का भुगतान करने को कहा गया है.टेलिकॉम विभाग ने कंपनियों को सर्किल के आधार पर बकाये के संबंध में नोटिस भेजना शुरू कर दिया है. इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने दिन में इस संबंध में सुनवाई करते हुए AGR बकाये के भुगतान संबंधी अपने पुराने आदेश का अनुपालन नहीं किये जाने को लेकर नाराजगी जाहिर की. कोर्ट ने टेलिकॉम कंपनियों को झाड़ लगाने के साथ ही दूरसंचार विभाग को भी फटाकारा.एयरटेल ने की पेशकशभारती एयरटेल ने शुक्रवार शाम को जानकारी दी है कि वो सरकार को 10,000 करोड़ रुपये का बकाया 20 फरवरी तक देने को कहा है. कंपनी ने पेशकश की है कि सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई से पहले बाकी बकाये का भुगतान कर देगी.यह भी पढ़ें: बैंक से परेशान एक आदमी ने ट्विटर पर की वित्त मंत्री से शिकायत, तुरंत हुआ एक्शनप्र​बंध निदेशकों को भी कोर्ट में पेश होने का आदेशसुप्रीम कोर्ट ने इन कंपनियों को फटकार लगाई है. आज AGR मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ​क्या सरकारी अफसर सुप्रीम कोर्ट से ऊपर है. टेलिकॉम कंपनियों के MDs को सुप्रीम कोर्ट की अवमानना का नोटिस जारी कर 17 मार्च को कोर्ट में तलब किया गया है. MDs को कोर्ट में पेश होकर यह बताने को कहा गया है कि उनकी कंपनियों ने अब तक एजीआर बकाया की रकम क्यों नहीं जमा कराई है. एयरटेल, वोडा आइडिया और टाटा टेलिसर्विसेज आदि पर 1.47 लाख करोड़ रुपये का बकाया है.
क्या होता है AGRसाथ ही कोर्ट ने टेलिकॉम विभाग से भी कंपनियों को राहत पर सवाल उठाया है. जस्टिस मिश्रा ने कहा कि टेलिकॉम विभाग ने कैसे नोटिफिकेशन जारी किया कि अभी भुगतान ना करने पर कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की जाएगी. टेलिकॉम कंपनियों को रेवेन्यू का कुछ हिस्सा सरकार को स्पेक्ट्रम फीस जिसे स्पेक्ट्रम यूजेज चार्ज (SUC) और लाइसेंस फीस के रूप में जमा करना होता है. टेलिकॉम कंपनियों का डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकम्युनिकेशन्स (DoT) से लाइसेंस अग्रीमेंट होता है. अग्रीमेंट में ही एजीआर से जुड़े कंडीशन्स होते हैं.(भाषा इनपुट के साथ)यह भी पढ़ें: खुलवाया हैं ज्वाइंट खाता और कराई है FD, जानिए अब आपके कितने लाख रु रहेंगे सेफ

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First published: February 14, 2020, 6:55 PM IST
Source: News18 News

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