[embedded content]केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर में हर आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश वाले फैसले पर दायर पुनर्विचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज यानी बुधवार को सुनवाई ई और कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.
सुनवाई के दौरान मंदिर की देखभाल करने वाली ट्रैवनकोर देवास्वोम बोर्ड (TDB) ने कोर्ट में कहा कि सभी उम्र की महिलाओं को दर्शन करने का अधिकार मिलना चाहिए.
कोर्ट ने जब उसके रूख में बदलाव का जिक्र किया तो बोर्ड के वकील ने कहा कि अब उसने फैसले का सम्मान करने का निर्णय किया है. बोर्ड की ओर वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी ने कहा, ‘संविधान का अनुच्छेद 25(1) सभी नागरिकों को अपने धर्म को मानने का समान अधिकार देता है.’
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद अपने फैसले को सुरक्षित रख लिया. सुप्रीम कोर्ट से सबरीमला मंदिर में प्रवेश कर चुकीं दो महिलाओं ने यह निर्देश देने का अनुरोध किया कि 12 फरवरी को अगली बार मंदिर खुलने पर उन्हें फिर से प्रवेश करने दिया जाए.
इससे पहले नायर समाज की तरफ से वरिष्ठ वकील के.परासरण ने सुनवाई में पेश होकर निर्णय के खिलाफ दलील पेश की.
Source: HW News
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